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खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता के लिए खरीफ रणनीति, 2021 तैयार

किसानों को ज्यादा उपज वाले बीजों की किस्मों का वितरण

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तिलहन के उत्पादन में आत्म-निर्भरता हासिल करने के लिए, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने एक बहुआयामी रणनीति तैयार की है। इस रणनीति के तहत, भारत सरकार ने खरीफ सत्र, 2021 के लिए किसानों को मिनी किट्स के रूप में बीजों की ऊंची उपज वाली किस्मों के मुफ्त वितरण की महत्वाकांक्षी योजना को स्वीकृति दी है। विशेष खरीफ कार्यक्रम के माध्यम से तिलहन के अंतर्गत अतिरिक्त 6.37 लाख हेक्टेयर क्षेत्र आ जाएगा और 120.26 लाख क्विंटल तिलहन और 24.36 लाख टन खाद्य तेल के उत्पादन का अनुमान है।

तिलहन में आत्मनिर्भर बनने के लिए, केन्द्रीय कृषि मंत्री  नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों को उनके खेतों में इस्तेमाल के लिए ज्यादा उपज वाली किस्मों के बीजों की उपलब्धता बढ़ाकर तिलहन की उत्पादकता बढ़ाने पर भी जोर दिया है। इस क्रम में, अप्रैल, 2021 में हुई एक वेबिनार में राज्य सरकारों के साथ और 30 अप्रैल, 2021 को खरीफ सम्मेलन में भी विस्तार से चर्चा हुई थी। इन विचार विमर्श के माध्यम से, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (तिलहन और ताड़ का तेल) के अंतर्गत मुफ्त में ज्यादा पैदावार वाले बीजों की किस्मों के मुफ्त वितरण पर जोर के साथ सोयाबीन और मूंगफली के लिए क्षेत्र और उत्पादकता दोनों में बढ़ोतरी की रणनीति इस प्रकार है;

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  • 76.03 करोड़ रुपये की लागत से और 1,47,500 हेक्टेयर क्षेत्र कवर करने के लिए मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात, कर्नाटक, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में 41 जिलों के लिए सहरोपण के उद्देश्य से सोयाबीन के बीजों का वितरण।
  • 104 करोड़ रुपये की लागत से और 3,90,000 हेक्टेयर क्षेत्र कवर करने के लिए 8 राज्यों मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और गुजरात के 73 जिलों में ज्यादा संभावना वाले जिलों के लिए सोयाबीन के बीजों का वितरण।
  • 40 करोड़ रुपये की लागत से 9 राज्यों मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्नाटक, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, गुजरात, उत्तर प्रदेश और बिहार के 90 जिलों में मिनी किट्स का वितरण। इससे 1,006,636 हेक्टेयर क्षेत्र कवर किया जाएगा और 8,16,435 मिनी किट्स का वितरण किया जाएगा।
  • वितरित किए जाने वाले सोयाबीन बीजों की पैदावार 20 क्विंटल/ हेक्टेयर से कम नहीं होगी। सहरोपण और ज्यादा संभावनाओं वाले जिलों के लिए बीजों का वितरण राज्य बीज एजेंसियों के माध्यम से किया जाएगा और मिनी किट्स के लिए बीजों का वितरण केन्द्रीय बीज उत्पादक एजेंसियों के माध्यम से किया जाएगा।
  • 13.03 करोड़ रुपये की लागत से बीजों, जिनकी पैदावार 22 क्विंटल/ हेक्टेयर कम न हो, के 7 राज्यों गुजरात, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और तमिलनाडु में 74,000 मूंगफली बीज मिनी किट्स का वितरण।

तिलहन और ताड़ तेल पर राष्ट्रीय मिशन के बारे में

तिलहन और ताड़ तेल पर राष्ट्रीय मिशन के माध्यम से भारत सरकार का लक्ष्य तिलहन और ताड़ के तेल का उत्पादन व उत्पाकता बढ़ाकर खाद्य तेलों की उपलब्धता बढ़ाना और खाद्य देलों के आयात में कमी लाना है। इसके लिए, एक बहुआयामी रणनीति अपनाई गई है, जिसमें निम्नलिखित बिंदु शामिल हैं :

  • बीजों की किस्मों में बदलाव पर जोर के साथ बीज प्रतिस्थापन अनुपात में बढ़ोतरी
  • सिंचाई क्षेत्र में बढ़ोतरी
  • पोषण प्रबंधन
  • अनाज/दालें/गन्ने के साथ सहरोपण
  • उत्पादकता में सुधार और प्रमाणित व जलवायु लचीली तकनीकों को अपनाना
  • कम उपज वाले खाद्यान्न के विविधीकरण के माध्यम से क्षेत्र विस्तार।
  • धान के परती क्षेत्रों और ज्यादा संभावनाओं वाले जिलों को लक्षित करना
  • गैर पारम्परिक राज्यों में प्रोत्साहन
  • यंत्रीकरण को प्रोत्साहन
  • शोध परियोजनाएं
  • किसानों को प्रशिक्षण और अधिकारियों को बढ़ाना
  • अच्छी कृषि विधियों को अपनाने के लिए क्लस्टर प्रदर्शन को समर्थन
  • गुणवत्तापूर्ण बीजों की व्यापक उपलब्धता के लिए क्षेत्रीय रणनीति पर केन्द्रित 36 तिलहन हब का निर्माण
  • खेत और ग्राम स्तर पर कटाई बाद प्रबंधन
  • कृषक उत्पादक संगठनों का गठन

उक्त प्रयासों के परिणाम स्वरूप, 2020-21 में तिलहनों का उत्पादन बढ़कर 3.731 करोड़ टन (दूसरा अग्रिम अनुमान) हो गया है जो 2014-15 में 2.751 करोड़ टन था, जबकि इसी अवधि के दौरान रकबा 2.599 करोड़ हेक्टेयर से बढ़कर 2.882 करोड़ हेक्टेयर और उपज 1,075 किग्रा/ हेक्टेयर से बढ़कर 1,295 किग्रा/ हेक्टेयर हो गया है।

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