दोस्तों आज हम कृषि वाणी के खास अंक में आपको देश की पहली महिला किसान क्लब के के बारे में बताने जा रहे हैं देश में महिला कृषक को भी सम्मान के साथ उनका उत्थान भी होना चाहिए और ऐसा शुरू करने वाले बिहार के वैशाली जिले के हाजीपुर से नजदीक लालगंज के पहले पंचदमिया गांव के निवासी पहले शख्सियत है डॉ अभय नाथ सिंह जिन्होंने कृषि के क्षेत्र में काम करने वाली संस्था जागृति कला केंद्र के माध्यम से सन 2002 में देश की पहली ममता महिला किसान क्लब की स्थापना की और महलाओं को कृषि कार्यों से जोड़ने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम, समूह बना कर इसकी शुरुआत की डॉ अभय नाथ सिंह जी शुरू से देश के लोकप्रिय किसान नेता चौधरी चरण सिंह जी की विचारधारा काफी प्रभावित थे साथ ही कृषक पुत्र भी तो कृषि के प्रति झुकाव तो शुरू से ही रहा और शिक्षा एवं सामाजिक कार्यों में भी शुरू से सहभागिता बनी रही थी कृषि वाणी डिजिटल एग्री मिडिया के पत्रकार अनिकेत सिन्हा एवं डॉ अभय नाथ सिंह से जी बात चित के कुछ खास अंश आपके सामने हम प्रेषित कर रहे हैं
सवाल – कृषि के प्रति जुड़ाव कैसे बढ़ा
मैं शुरू से देश के किसान नेता चौधरी चरण सिंह की विचार धारा से प्रभावित होने के बाद अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूर्ण होते ही कृषि के क्षेत्र में कार्य करना आरम्भ कर दिया और इसमें सबसे मुख्य कृषि में महिलाओं के योगदान को देखते हुए उनके उत्थान का कार्य शुरू कर दिया जिसके वजह से ही जागृति कला केंद्र के माध्यम से हमने ममता महिला किसान क्लब की स्थापना 2002 में किया और महिला किसानो के साथ साथ अन्य किसानों को जोड़ना शुरू कर दिया तब से लेकर आज तक महिला किसान दिवस 15 अक्टूबर को हम हर साल कृषि प्रदर्शनी , मेले ,किसान गोष्टी का आयोजन करते आ रहे हैं इस मेले के माध्यम से हम किसानो को कृषि में हो रहे नवाचार व् नए नए प्रयोगों के बारे में जानकारी उपलब्ध करते हैं इस किसान में कृषि से जुडी कई लघु उद्योग की कम्पनिया भाग लेती है तःथा अपने उत्पादों के बारे में किसानों को जानकारी उपलब्ध करते हैं हमारे द्वारा आयोजित किसान मेले 2017 में देश के पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह जी भी मुख्यअतिथि के रूप में दिप प्रज्वलित कर चुके हैं तःथा किसानों को भी सम्बोधित किया था और और इस कृषि मेले में कृषि पदाधिकारी,नाबार्ड के पदाधिकारी भी शिरकत करते है ो किसानो को कृषि में नए नए योजनाओं से अवगत कराते हैं
सवाल – आज के आधुनिक कृषि एवं पारम्परिक जैविक खेती के बीच क्या चुनौतियाँ देखते हैं
हमारा बचपन शुरू से ही जैविक कृषि को देखते हुए बिता पर आज के समय में जिस प्रकार से आधुनिक कृषि में ज्यादा उत्पादन लेने के लिए अंधाधुंध रासायनिक खाद व् कीटनाशक का प्रयोग हो रहा है हम उसके खिलाफ हैं साथ ही शुरू से हमने जैविक खेती को प्रोत्साहित करने का प्रयास किया है साथ ही किसान भाइयों को जैविक खेती के लिए खाद निर्माण, जैविक कीटनाशक निर्माण एवं अन्य सभी सुविधाएं के बारे में वैज्ञानिकों के माध्यम से समय समय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन करते आ रहे हैं जिसमें क्षेत्र के कई किसान भाई भाग लेते हैं आज के समय में कोरोना जैसी महामारी ने देश के कई लोगों को बता दिया की स्वस्थ शरीर ही सबसे अच्छी रोग प्रतिरोधक क्षमता वाला हो सकता है और स्वस्थ शरीर सिर्फ स्वच्छ खान पान के वजह से हो सकता है आज के समय कृषि में किसान भाई आधुनिक तकनीक का तो प्रयोग कर रहे हैं जिसके परिणाम तो अच्छे है पर हम किसान भाइयों को हम अपने माध्यम से जैवीक कृषि करने के लिए भी प्रोत्साहित कर रहे हैं
सवाल- ममता महिला किसान क्लब के लक्ष्य के बारे में बताएं
हम दो दशक से महिलाओं को कृषि से जोड़ने के साथ उनके प्रगति के लिए कार्य कर रहे हैं और ममता महिला किसान क्लब द्वारा महिला किसानो को जागरूक करने के साथ सही मार्ग दर्शन देना ही मुख्य लक्षय है जिसके वजह आज कई महिलाएं ममता महिला किसान क्लब की सदस्य बन कर अपनी आजीविका बढ़ा रही है हमने महिलाओं को समूह बना कर खेती करने की भी शुरुआत की है जिससे महिला कृषकों को लागत के अनुसार सही बाजार का मूल्य मिल पाए हम कृषि के प्रसंस्करण के क्षेत्र में भी रिसर्च कर रहे हैं जिससे महिलाओं को भी इसमें जोड़ा जायेगा साथ ही स्वरोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे
सवाल – आपके द्वारा किये जा रहे कार्यों में सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से कितना लाभ मिल रहा है
आज के कृषि में लागत मूल्य बढ़ जाने के वजह से किसान भाइयो को बाजार में सही मूल्य नहीं मिल पाना ही सबसे बड़ी चुनौती है ऐसे में सरकार द्वारा चलाई जा रही योजना की जानकारी किसानों तक कृषि अधिकारी द्वारा उपलब्ध हो सके हम इसके ेलिए भी समय समय पर किसान गोष्ठी का आयोजन करते रहते हैं जिसमें कृषि योजना,मिटटी की जाँच ,कृषि में हो रहे नवाचार,आधुनिक मशीन के बारे में बताते रहते हैं
सवाल – अपने बारे में बताएं साथी चुनौतियाँ जिससे किसानों की समस्या का समाधान हो
पेशे से शिक्षक और किसान पुत्र होने के कारण मैंने हमेशा से कृषि में हो रहे नवाचार को प्राथमिकता दिया जिससे किसान भाइयों को कृषि में हो रहे सभी कार्यों के बारे में जानकारी उपलब्ध हो सके साथ ही किसान भाइयों को लागत के अनुसार उनका उचित मूल्य मिल सके चुनौतियों की बात करें तो उत्तरी बिहार के किसान भाई निल गाय के समस्या से परेशान है जो खेत में खड़ी फसलों को बर्बाद कर देते हैं इसके बध्याकरण के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने की जरूरत है जिससे किसान भाइयों को नुकसान से बचाया जा सके सरकार व् सभी कृषि में कार्य करे वाली संस्थाओं से आवेदन है की गांव का कार्यक्रम गांव में और खेत का कार्यक्रम खेत में आयोजित हो जिससे ज्यादा से ज्यादा किसान भाई जुड़ सके
सभी के लिए सन्देश
हमारा सन्देश देशवासियों से है की अपने बच्चों को प्रकृति से जोड़ें साथ ही उनसे एक पौधा जरूर लगवाएं और उनको उस पौधे की देखभाल के लिए प्रेरित करें जिससे उनका भी पर्यावरण के प्रति उनका जुड़ाव होगा साथ की प्रकृति से जुड़ने का अवसर भी मिलेगा और हमारा देश भी प्रदूषण मुक्त रहेगा हमलोग भी समय समय पर स्कूलों में पोषण वाटिका,गृह वाटिका,जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण जैसे कार्यक्रम के माध्यम से जागरूकता फैलाते रहते हैं
तो दोस्तों ये थी जागृति कला केंद्र द्वारा देश की पहली महिला किसान क्लब के संस्थापक डॉ अभय नाथ सिंह जी से बातचीत के कुछ खास अंश आप तक हम कृषि वाणी लगतार कृषि के क्षेत्रों से जुडी सभी समाचार और साक्षात्कार आप तक पहुंचाते रहेंगे आपसे अनुरोध है की आप भी इस महत्वपूर्ण जानकारी को अपने मित्रों के साथ भी शेयर करें
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