पिछले वर्ष की तुलना इस साल 13.98 प्रतिशत अधिक धान की खरीद

इस साल 13.98 प्रतिशत अधिक धान की खरीद

खरीफ 2020-21 के खरीद प्रक्रियाएं अभी तक सरकार द्वारा की जा रही है और इस बार तो पिछले साल की तुलना में काफी बढ़ोतरी देखि जा रही है सरकार द्वारा निर्धारित अवधि तक खरीद पूरी कर लेने का भी लक्ष्य है जिससे किसान भाई को आगामी फसलों के लिए अपनी मिटटी की तैयारी के साथ साथ बीज,खाद, व् अन्य कई जरूरी काम भी निपटाने में दिक्क्त न हो ऐसे में अब किसान भाइयों को दिक्कत का सामना न करना पड़े अब तक सरकार द्वारा किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीफ फसलों की खरीद प्रक्रिया खरीफ विपणन सत्र (केएमएस) 2020-21 के दौरान अपनी मौजूदा एमएसपी योजनाओं के अनुसार ही जारी है, जिस प्रकार से विगत सत्रों में होती रही है। खरीफ 2020-21 के लिए धान की खरीद सुचारु रूप से चल रही है। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, उत्तराखंड, तमिलनाडु, चंडीगढ़, जम्मू और कश्मीर, केरल, गुजरात, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, झारखंड, असम, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा से धान की खरीद की जा रही है। 15 मार्च, 2021 तक इन राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के किसानों से 680.68 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीद की जा चुकी है, जबकि इसी समान अवधि में पिछले वर्ष केवल 597.18 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हो पाई थी। पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान की गई खरीद से यह 13.98 प्रतिशत अधिक है। कुल 680.68 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद में से अकेले पंजाब की हिस्सेदारी 202.82 लाख मीट्रिक टन है, जो कि कुल खरीद का 29.79 प्रतिशत है।

लगभग 99.88 लाख किसानों को अब तक खरीदे गए धान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 1,28,512.84 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।

 

इसके अलावा, प्रदेशों से मिले प्रस्ताव के आधार पर तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात, हरियाणा, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों से खरीफ विपणन सत्र 2020-21 और रबी विपणन सत्र 2021 के लिए मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत 106.62 लाख मीट्रिक टन दलहन और तिलहन की खरीद को भी मंजूरी प्रदान की गई है। आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल राज्यों से 1.23 लाख मीट्रिक टन कोपरा (बारहमासी फसल) की खरीद के लिए भी स्वीकृति दी गई है। इसके अलावा, यदि अधिसूचित फ़सल अवधि के दौरान संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बाजार की दरें एमएसपी से नीचे चली जाती हैं, तो राज्य की नामित ख़रीद एजेंसियों के माध्यम से केंद्रीय नोडल एजेंसियों द्वारा इन राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के अंतर्गत दलहन, तिलहन और कोपरा फसल की खरीद के प्रस्तावों की प्राप्ति पर भी मंजूरी दी जाएगी, ताकि पंजीकृत किसानों से वर्ष 2020-21 के लिए अधिसूचित किये गए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सीधे इन फसलों के एफएक्यू ग्रेड की खरीद की जा सके।

मौजूदा खरीफ सत्र में 15 मार्च, 2021 तक सरकार ने अपनी नोडल एजेंसियों के माध्यम से 3,30,476.61 मीट्रिक टन मूंग, उड़द, तुअर, चना, मूंगफली की फली और सोयाबीन की खरीद एमएसपी मूल्यों पर की है। इस खरीद से खरीफ सत्र 2020-21 और रबी सत्र 2021 में तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान के 1,89,399 किसानों को 1,773.83 करोड़ रुपये की आय हुई है।

इसी तरह से 5,089 मीट्रिक टन कोपरा (बारहमासी फसल) की खरीद कर्नाटक और तमिलनाडु राज्यों से की गई है। इस दौरान 3,961 किसानों को लाभान्वित करते हुए 15 मार्च, 2021 तक न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 52.40 करोड़ रुपये की अदायगी की गई है। इनसे संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारें खरीफ दलहन तथा तिलहन फसलों के आवक के आधार पर संबंधित राज्यों द्वारा तय तिथि से खरीद शुरू करने के लिए आवश्यक इंतज़ाम कर रही हैं।


न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के तहत ही पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और कर्नाटक राज्यों से कपास की खरीद का कार्य भी सुचारु रूप से जारी है। दिनांक 15 मार्च, 2021 तक 18,97,005 किसानों से 26,719.51 करोड़ रुपये के एमएसपी मूल्य पर कपास की 91,86,803 गांठों की खरीद की जा चुकी है।

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