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export news:अंजीर के जूस की पहली खेप निर्यात

अंजीर के जूस की पहली खेप निर्यात

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देश में कृषि एवं किसानों के अच्छे भविष्य के लिए भारत सरकार और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा कई ऐसे योजनाएं चलाए जा रहे है जिससे उनके कृषि कार्यों में अच्छा उत्पादन और उनके आमदनी में भी बढ़ोतरी हो ऐसे में हम कृषि वाणी , कृषि मीडिया होने के नाते सभी किसान भाइयों के साथ साथ कृषि के क्षेत्र से जुड़े सभी लोग जैसे कृषि वैज्ञानिक,कृषि के छात्र , खाद एवं कीटनाशक ,बीज, ट्रेक्टर,से जुडी सभी कंपनियों के प्रतिनिधियों तक  मुख्य समाचार  पहुंचा रहे है

कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीई‍डीए) ने जीआई-टैग वाले पुरंदर अंजीर से बने भारत के प्रथम पीने के लिए तैयार अंजीर के रस को पोलैंड को निर्यात के लिए सुगम बनाया। अंजीर के रस की यह खेप सभी हितधारकों की उपस्थिति में एपीई‍डीए के अध्यक्ष अभिषेक देव द्वारा हरी झंडी दिखाकर 1 अगस्त, 2024 को जर्मनी के हैम्बर्ग बंदरगाह से होते हुए रवाना हुई। यह आयोजन वैश्विक मंच पर भारत के विशिष्ट कृषि उत्पादों को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

इस अभिनव अंजीर के रस की यात्रा ग्रेटर नोएडा, नई दिल्ली में आयोजित एसआईएएल 2023 के दौरान कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण मंडप में शुरू हुई। यह आयोजित अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला ने प्रदर्शित उत्पादों को वैश्विक बाजार में पहचान के लिए एक मंच प्रदान किया। पुरंदर हाइलैंड्स फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड द्वारा उत्पादित अंजीर के रस ने सभी का ध्यान आकर्षित किया और इस कार्यक्रम में एक पुरस्कार जीता, जिसने अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इसकी क्षमता को विशिष्ट रूप से दर्शाया।

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इस उत्पाद के विकास और निर्यात में कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण  के निरंतर समर्थन और सहायता ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वर्ष 2022 में हैम्बर्ग को ताज़े जीआई-टैग वाले पुरंदर अंजीर के पहले निर्यात के बाद से, एपीई‍डीए ने छोटे किसानों के साथ पूर्ण सहयोग से कार्य किया है। यह उत्पाद, जिसे एक अनंतिम पेटेंट दिया गया है, कृषि क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण नवाचार का प्रतिनिधित्व करता है।

एपीई‍डीए के समर्थन से इटली के रिमिनी में मैकफ्रूट वर्ष 2024 में अंजीर के रस का प्रदर्शन भी किया गया, जिससे इसकी वैश्विक पहुँच का और अधिक विस्तार हुआ। इस आयोजन में खरीदारों की ओर से सकारात्मक प्रतिक्रिया देखी गई, जिसमें पोलैंड के व्रोकला में एमजी सेल्स एसपी द्वारा की गई पूछताछ भी शामिल थी, जिसके फलस्‍वरूप यह ऐतिहासिक निर्यात प्रक्रिया संपन्‍न हुई।

यह उपलब्धि न केवल भारतीय कृषि उत्पादों की क्षमता को प्रदर्शित करती है, तथापि कृषि निर्यात के मूल्य को बढ़ाने में अनुसंधान और विकास के महत्व को भी रेखांकित करती है। यह उपलब्धि भारतीय कृषि उत्पादों की क्षमता के साथ किफायती कृषि प्रणालियों और निर्यात को बढ़ावा देने में एफपीसी की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाती है।

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