पशुपालन और डेयरी विभाग ने स्टार्टअप इंडिया के साथ साझेदारी में ‘पशुपालन स्टार्टअप-बड़ी चुनौती’ शुरू किया ताकि पशुपालन और डेयरी क्षेत्र में आने वाली समस्याओं का समाधान करने के लिए अभिनव और व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य समाधान के लिए नई खोज की जा सके। इस चुनौती की शुरूआत प्रधानमंत्री  नरेन्‍द्र मोदी ने पिछले साल 11 सितंबर को मथुरा में एक राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम में की थी।

चुनौती छह समस्या विवरणों के अद्वितीय समाधान के साथ सभी स्टार्टअप के लिए आवेदन के लिए खुली थी जिन्हें नीचे दिया गया है:

  • मूल्य वर्धित उत्पाद: छोटे घरेलू और निर्यात बाजारों के लिए नवीन तकनीकों का इस्‍तेमाल करते हुए कुछ मूल्य वर्धित डेयरी उत्पादों जैसे पनीर, स्मूदीज़, फ्लेवर्ड मिल्क, कस्टर्ड, दही, और अन्य एथनिक भारतीय उत्‍पादों को शुरू किया गया।
  • एकल उपयोग प्लास्टिक विकल्प: डेयरी क्षेत्र में एकल उपयोग पॉलिथीन को बदलने के लिए पर्यावरण के अनुकूल विकल्प का उपयोग करना।
  • दूध में मिलावट खत्म करना: डेयरी क्षेत्र में दूध में मिलावट से निपटना।
  • नस्ल सुधार और पशु पोषण: मवेशियों और भैंसों की भारतीय नस्लों के बीच त्वरित आनुवंशिक लाभ के लिए नवीन तकनीकों का उपयोग और हरे चारे की नई किस्में और समृद्ध पशु चारा।
  • ई-कॉमर्स समाधान: देश भर में आधुनिक डिजिटल बुनियादी ढांचा और परामर्श सेवाएं प्रदान करने के लिए नवाचारों को प्रोत्साहित करना।
  • उत्पाद पता लगाने की क्षमता: कृषि उत्‍पादन से उपभोग तक डेयरी उत्पादों की यात्रा पर नजर रखने के लिए प्रौद्योगिकियों का उपयोग करना।  

यह चुनौती आवेदन के लिए स्टार्टअप इंडिया पोर्टल www.startupindia.gov.in.  पर 11 सितंबर, 2019 से 15 नवंबर, 2019 तक खुली थी। 157 आवेदन निम्नानुसार प्राप्त हुए थे:

 

क्र.संख्‍या

समस्‍या का विवरण

आवेदनों की संख्‍या

1

मूल्य वर्धित उत्पाद

13

2

एकल उपयोग प्लास्टिक विकल्प

22

3

दूध में मिलावट खत्म करना

22

4

उत्पाद पता लगाने की क्षमता

16

5

ई-कॉमर्स समाधान

44

6

नस्ल सुधार और पशु पोषण

40

कुल

157

 

इन आवेदनों की पूर्व जांच की गई ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आवेदकों द्वारा प्रदान की गई जानकारी कार्यक्रम के लिए आवेदन के मानदंडों को पूरा करती है। मूल्यांकन के पहले दौर में कुल 42 स्टार्टअप को शॉर्टलिस्ट किया गया था। इन स्टार्टअप्स को एक विशेषज्ञ पैनल के सामने वीडियो कॉन्फ्रेंस पर अपने आइडिया प्रस्‍तुत करने का अवसर दिया गया था, जिसमें पशुपालन विभाग और डेयरी विभाग (डीएएचडी) के सचिव, श्री अतुल चतुर्वेदी के नेतृत्व में विभाग के सदस्य शामिल थे। ये वीडियो कॉन्फ्रेंस दो दिन आयोजित की गई, जहां प्रत्येक चयनित स्टार्टअप ने अपनी जानकारी का प्रदर्शन किया और उसके बाद प्रश्न और उत्तर का दौर शुरू हुआ।

मूल्यांकन के दूसरे दौर के बाद, नकद अनुदान और इनक्‍यूबेशन प्राप्‍त करने के लिए 2 स्टार्टअप प्रति समस्या विवरण का चयन किया गया है। हालाँकि, कोई भी स्टार्टअप समस्या विवरण के लिए एक अभिनव और व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य समाधान एकल उपयोग प्लास्टिक विकल्प प्रस्तुत नहीं कर सका । फिर, जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है, समस्या विवरण के तहत 4 स्टार्टअप का चयन किया गया – नस्‍ल में सुधार और पशु पोषण – क्रमशः 2 नस्‍ल में सुधार के लिए और 2 पशु पोषण के लिए। इसलिए, मूल्यांकन के दूसरे और अंतिम दौर के बाद कुल 12 स्टार्टअप का चयन किया गया है। प्रति समस्या के अनुसार चयनित 2 स्टार्टअप का विवरण नीचे दिया गया है:

  • मूल्‍य वर्धित उत्‍पाद 1. (विजेता) कृषक मित्र एग्रो सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, मुम्‍बई और 2. (रनर अप) स्‍टूडियो कार्बन, अहमदाबाद।
  • दूध में मिलावट खत्म करना1. व्‍हाइट गोल्‍ड टेक्‍नोलॉजीज एलएलपी, मुम्‍बई और 2. माइक्रो लाइफ इनोवेशन्‍स, चेन्‍नई।
  • नस्ल सुधार 1. एडिस टेक्‍नोलॉजीज, बेलगावी, कर्नाटक और 2. सिसजेन बायोटेक डिस्‍कवरीज प्राइवेट लिमिटेड, चेन्‍नई।
  • पशु पोषण1. कृमान्‍शी टेक्‍नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, जोधपुर और 2. कॉरनैक्‍स्‍ट एग्री प्रोडक्‍ट्स प्राइवेट लिमिटेड, हैदराबाद।
  • ई-कॉमर्स समाधान1. मूफार्म गुरूग्राम, हरियाणा और 2. एकेएम टेक्‍नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, कटक।
  • उत्पाद पता लगाने की क्षमता1. इमरटेक सोल्‍यूशन्‍स प्राइवेट लिमिटेड, मुम्‍बई और 2. नेबुलएआरसी टेक्‍नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, दिल्‍ली।
  • एकल उपयोग प्लास्टिक विकल्पकिसी को भी उपयुक्‍त नहीं पाया गया।

उपरोक्‍त में जिन 12 स्‍टार्टअप का जिक्र (2 प्रति समस्‍या विवरण) किया गया है उन्‍हें 1,02,00,000 रूपये के बराबर अनुदान राशि दी जाएगी। प्रत्‍येक समस्‍या के अंतर्गत दो विजेताओं को नकद राशि दी जाएगी

  • भारतीय रूपये में 10 लाख (विजेता)
  • भारतीय रूपये में 7 लाख (रनर अप)

विजेताओं को इनक्यूबेशन ऑफर प्रदान किया जाएगा – इनक्यूबेटर 3 महीने तक इन स्टार्टअप्स के फिजिकल इनक्यूबेशन के लिए जिम्मेदार होगा, कार्यक्रम पूरा होने के बाद 9 महीने तक मेंटर मैचमेकिंग, पीओसी डेवलपमेंट के लिए लैब की सुविधा, टेस्टिंग फैसिलिटीज, बिज़नेस और इन्वेस्टर वर्कशॉप के संचालन और स्टार्टअप्स की गतिविधियों पर नज़र रखी जाएगी।