कई महिलाओं के लिए मिसाल बन रही बिहार के बांका जिले के झिरवा गांव के निवासी विनीता कुमारी आज स्वयं आत्मनिर्भर होकर कई महिलाओं को भी प्रशिक्षण देकर समूह से जोड़ रही हैं और उनको भी आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर कर रही हैं आज गांव एक्सप्रेस के वरिष्ठ पत्रकार अनिकेत सिन्हा कि खास बातचीत हुई मशरूम की खेती एवं बीज निर्माण करने वाली सफल महिला किसान विनीता कुमारी द्वारा उनके संघर्ष सफल होने तक की खास बातें
प्रश्न-मशरूम की खेती करने की शुरुआत कब हुई
पति की सीमित आय और परिवार की बढ़ती जिम्मेदारियों को देखते हुए हमेशा से ख्याल आता था कि कुछ अलग किया जाए जिससे परिवार की आमदनी का जरिया बढे। मुख्य रूप से ग्रेजुएट तक की शिक्षा प्राप्त करने के बाद हमेशा से कुछ अलग करने की इच्छा मन में बनी रहती थी ऐसे में 2011 में कृषि विज्ञान केंद्र बांका द्वारा चलाए जा रहे मशरूम की खेती का प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में जानकारी मिली और डॉक्टर विनोद कुमार से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद मशरूम की खेती की शुरुआत कर दी उसके बाद फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और दिन प्रतिदिन मशरूम की बढ़ती डिमांड देखकर इसकी खेती के लिए कैसे मन बना लिया और उसके बाद आमदनी का अच्छा जरिया बनने लग गया
प्रश्न – मशरूम की खेती से मशरूम बीज के उत्पादन तक कैसे गए
सर जैसा कि आपको बताएं कि प्रतिदिन मशरूम के खाने से होने वाले फायदों को देखकर सभी जगह इसकी डिमांड बढ़ने लग गई पर उत्पादन उस स्तर पर नहीं हो पा रहा था क्योंकि बीज की समस्या बहुत बड़ी चुनौती बन जा रही थी तब कृषि विज्ञान केंद्र बांका के वैज्ञानिक डॉ विनोद कुमार ने बताया कि मशरूम के बीज के उत्पादन का प्रशिक्षण लेने के बाद यह समस्या खत्म हो जाएगी तब कृषि विश्विद्यालय सबौर में जाकर बीज के उत्पादन का प्रशिक्षण लेने के बाद खुद के लैब कि स्थापना कर मशरूम का उत्पादन शुरू किया आज हम ओयस्टर, मिल्की और बटन मशरूम के बीज का सफलतापूर्वक उत्पादन कर रहे हैं और कई किसानों को हम अपने बीज उपलब्ध भी कर रहे हैं हमारे बीजों की सभी गुणवत्ता अच्छी होने के वजह से लगातार बीजो की डिमांड भी बनी रहती है अब हम आर्डर के अनुसार भी बीज का उत्पादन करते है
प्रश्न – अभी तक के सफर में परिवार का सहयोग कैसा रहा और चुनौतियां क्या रही
परिवार का सहयोग शुरू में तो नहीं मिला पर जब खुद की इच्छा मजबूत रही तो आगे बढ़ने लगी फिर पति का पूरा सहयोग मिलने लगा और जब आमदनी बढ़ने लगी तो मुख्य रूप से पति के साथ साथ परिवार का भी सहयोग मिलने लगा । सबसे बड़ी चुनौती यह है कि मैं एक महिला हूं जो आगे बढ़ने के साथ साथ कुछ अलग करने में प्रयासरत है और महिला होने के नाते कई ऐसी समस्याएं हैं जिसके वजह से प्रतिदिन चुनौतियों का सामना भी करना पड़ता है सबसे मुख्य बात तो है कि मशरूम की खेती के बारे में सबों को जानकारी स्वयं से उपलब्ध करवाना लगातार बोलते रहना और सबसे बड़ी समस्या होती है समाज में रहने वाले लोगों के तरफ से कोई प्रोत्साहन नहीं मिलना आगे बढाने के बजाय पीछे ले जाने को तैयार रहते हैं आज हमसे कई महिलाएं प्रशिक्षित होकर मशरूम की खेती कर रही हैं आज हमें जो भी नाम और सम्मान मिल रहा है उसके लिए बहुत मेहनत किए हैं लोगों को मशरूम की खेती से जोड़ने के लिए कई सम्मान से भी सम्मानित किया गया बाबू जगजीवन राम अवार्ड भी मिला
गांव एक्सप्रेस के वरिष्ठ पत्रकार अनिकेत सिन्हा एवं मशरूम की खेती एवं बीज उत्पादन करने वाली सफल महिला किसान के द्वारा संचार माध्यम से बातचीत किए गए मुख्य अंश आपके सामने प्रस्तुत किए गए थे अगर आपके पास भी किसी सफल महिला व पुरुष किसान व कृषि के अलावा एंटरप्रेन्योर, अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ भी सामाजिक कार्य जिससे गांव के विकास में सहयोग हो उनकी जानकारी प्रकाशित करवाना चाहते हैं तो कमेंट बॉक्स में अपना नंबर भेजें
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