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असली और नकली खाद कि पहचान कैसे करें किसान भाई :खबर पढ़ें

आपको खुद से नकली उर्वरक की जांच करने की कुछ विधि

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किसान भाइयों आज हम कृषि वाणी आपको बताने जा रहे कृषि में प्रयोग किये जाने वाले सबसे मुख्य वस्तु उर्वरक के बारे में जी हाँ खाद (उर्वरक) की असली और नकली की पहचान कैसे करे जिससे किसान भाइयों को नुक्सान से बचाया जा सके आज के समय में उर्वरक के कालाबाजारी और नकली होने से कई समस्या हो जाती थी साथ ही इसका मुख्य प्रभाव फसलों के उत्पादन पर पड़ता है जिससे किसान भाइयों को आर्थिक रूप से काफी नुक्सान का सामना करना पड़ता है तो हम आपके लिए यह महत्वपूर्ण जानकारी ले कर आये हैं जिससे किसान भाई असली और नकली उर्वरक की पहचान कर सके ऐसे आपको बता दें की
किसान भाइयों के लिए ज्यादा प्रचलित उर्वरकों में से प्रायः डी.ए.पी., जिंक सल्फेट, यूरिया तथा एम.ओ.पी. नकली/ मिलावटी रूप में बाजार में उतारे जाते हैं। खरीदारी करते समय किसान भाई इसकी प्रथम दृष्टया परख निम्न आसान तरीको से कर सकते हैं और पहली नजर में अगर उर्वरक नकली पाया जाए तो इसकी जाँच करवा सकते हैं या अपने जिला कृषि अधिकारी से सम्पर्क कर इसकी जानकारी दे सकते हैं या उर्वरक की जांच भी करवा सकते हैं ऐसे हम भी आपको खुद से नकली उर्वरक की जांच करने की कुछ विधि आपको बताने जा रहे हैं जिससे आप असली और नकली की पहचान कर सके

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यूरिया कि कैसे करें पहचान

पहचान विधि :यूरिया के सफेद चमकदार दाने होते हैं तथा सभी लगभग समान आकार के गोल दाने होते हैं पानी में पूर्णतया घुल जाना तथा घोल छूने पर ठंडा लगेगा साथ ही ये भी अन्य आसान तरीका है जिससे भी पहचान कि जा सके यूरिया को गर्म तवे पर रखने से पिघल जाता है और आंच तेज करने पर कुछ भी नहीं बचता।

उर्वरक का नाम – डी.ए.पी.

पहचान विधि डी.ए.पी कि पहचान है कि इसके दाने सख्त, दानेदार, भूरा, काला, बादामी रंग का होता है (कृषि वाणी) जो बहुत ही गहरे रंग का होता है साथ ही नाखूनों से आसानी से नहीं छूटता और डी.ए.पी. के कुछ दानों को लेकर तम्बाकू की तरह उसमें चूना मिलाकर मलने पर अजीब सी गंध निकलती है, जिसे सूंघना बर्दाश्त से बहार हो जाता है साथ ही इसे भी अगर तवे पर गर्म करे धीमी आंच पर तो इसके दाने मक्के कि तरह छोटे छोटे फूलने लग जाते है जिससे भी इसकी असली कि पहचान कि जा सके

उर्वरक का नाम – सुपर फास्फेट
पहचान विधि : सुपर फास्फेट सख्त दाने दार, भूरा काला बादामी रंगों के जैसा होता है तथा नाखूनों से आसानी से न टूटने वाला उर्वरक है। यह चूर्ण के रूप में भी उपलब्ध होता है। इस दानेदार उर्वरक की मिलावट बहुधा डी. ए.पी. व एन.पी.के. मिक्चर उर्वरकों के साथ की जाने की सम्भावना बनी रहती है।इस दाने दार उर्वरक को यदि गरम किया जाये तो इसके दाने फूलते नहीं हैं जबकि डी.ए.पी. व अन्य कम्प्लेक्स के दाने फूल जाते हैं। इस प्रकार इसकी मिलावट की पहचान आसानी से कर सकते हैं।

उर्वरक का नाम – जिंक सल्फेट
पहचान विधि: जिंक सल्फेट में मैंग्नीशियम सल्फेट प्रमुख मिलावटी रसायन है। भौतिक रूप से समानता के कारण नकली असली की पहचान कठिन होती है।अगर डी.ए.पी. के घोल में जिंक सल्फेट के घोल को मिलाने पर थक्केदार घना अवक्षेप बन जाता है। मैंग सल्फेट के साथ ऐसा नहीं होता। जिंक सल्फेट के घोल में पतला कास्टिक का घोल मिलाने पर सफेद, मटमैला मांड़ जैसा अवक्षेप बनता है, जिसमे गाढ़ा कास्टिक का घोल मिलाने पर अवक्षेप पूर्णतयाँ घुल जाता है। यदि जिंक सल्फेट की जगह पर मैंग्नीशियम सल्फेट है तो अवक्षेप नहीं घुलेगा।

उर्वरक का नाम – पोटाश खाद
पहचान विधि:यह पोटाश खाद सफेद कणाकार, पिसे नमक तथा लाल मिर्च जैसा मिश्रण होता है।इसके कण नम करने पर आपस में चिपकते नहीं।अगर इसे पानी में घोलने पर देखें तो खाद का लाल भाग पानी में ऊपर तैरता है।

तो किसान भाइयों ये थी असली और नकली उर्वरक कि पहचान कैसे करें आप इस महत्वपूर्ण जानकारी को अपने किसान दोस्तों के साथ भी शेयर कर सकते हैं जिससे वो भी उर्वरक कि पहचान कर सकें अगर आपके पास भी कृषि से जुडी कोई भी जानकारी हो तो आप हमें कमेंट बॉक्स में मेसेज करें हमारी टीम आपसे जल्द ही सम्पर्क करेगी

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