राष्ट्रिय हल्दी बोर्ड का गठन ,किसानो को होगा फायदा

National Turmeric Board formed, farmers will benefit

किसानो के लिए एक अच्छी खबर है कि देश में अब हल्दी कि खेती करने वाले किसान भाइयों को सही मूल्य निर्धारण और साथ साथ बाजार कि वयव्स्था भी उपलब्ध होगी कृषि वाणी हमेशा से आप तक कृषि से जुड़ी सभी मुख्य समाचार अपने समाचार पोर्टल और सोशल मीडिया के माध्यम से आप तक पहुंचते आ रहा है तो आज हम आपके लिए ऐसे ही एक फायदे कि बात बताएँगे जिससे किसान भाइयों को ज्यादा मुनाफा मिल सकता है

जी हाँ देश में जो किसान भाई हल्दी कि खेती करते है उनके लिए अब राष्ट्रिय स्तर पर हल्दी बोर्ड का गठन किया गया है जिसकी स्थापना तेलंगाना के निज़ामाबाद में कि गई है और इस मुख्यालय का उद्घाटन केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने किया। इस अवसर पर केन्द्रीय कोयला और खनन मंत्री जी. किशन रेड्डी और केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री बंडी संजय कुमार के साथ साथ कई गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

मुख्य संबोधन

किसानो को सही जानकारी और सुविधा मिले इसके लिए केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने देशभर में हल्दी कि खेती करने वाले किसानों के साथ साथ , मुख्य रूप से तेलंगाना, के हल्दी की खेती करने वाले करोड़ों किसानों की 40 साल पुरानी मांग को पूरा करते हुए राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड की स्थापना की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा देशभर के हल्दी की खेती करने वाले किसानों, मुख्य रूप से तेलंगाना और निज़ामाबाद,के किसानों को मिलेगा उन्होंने कहा कि निज़ामाबाद कई दशकों से हल्दी की राजधानी के रूप में जाना जाता है और यहां के किसान सदियों से हल्दी उगा रहे हैं, लेकिन उसे अंतराष्ट्रीय बाज़ार नहीं मिल रहा है। शाह ने कहा कि राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड बनने से 3-4 साल में ही निज़ामाबाद की हल्दी विश्व के कोने कोने में पहुंचेगी।

बोर्ड कि कार्य योजना

अमित शाह ने कहा कि राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड के काम शुरू करने के बाद से ही हल्दी के किसानों को बिचौलियों से आज़ादी मिलेगी और राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड, हल्दी की पैकिंग, ब्रांडिंग, मार्केटिंग और एक्सपोर्ट का पूरा चैनल तैयार करेगा। उन्होंने कहा कि हल्दी एंटी-वायरल, एंटी-कैंसर और एंटी-इन्फ्लेमेट्री है और औषधीय गुणों के कारण इसे दुनियाभर में वंडर ड्रग के रूप में जाना जाता है। शाह ने कहा कि हल्दी एक आश्चर्यजनक दवा है जिसका थोड़ी सी मात्रा में सेवन करने पर ही कई रोग एकसाथ मानव शरीर से समाप्त हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि अब ऑर्गेनिक हल्दी का जीआई टैग उत्पादन और जीआई टैग मार्केटिंग भी शुरू कर दी गई है।

भविष्य में बोर्ड द्वारा लक्ष्य केंद्रित करते हुए केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने 2030 तक एक बिलिडन डॉलर मूल्य की हल्दी के निर्यात का लक्ष्य रखा है और इसके लिए पूरी तैयारी भी कर ली गई है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड किसानों तक हल्दी की ज़्यादा से ज़्यादा कीमत पहुँचाने का काम करेगा। साथ ही अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में हल्दी की खपत को बढ़ाने और संभावित बाज़ारों में भारत की हल्दी के औषधीय गुणों का प्रचार-प्रसार भी करेगा। बोर्ड भारतीय हल्दी की गुणवत्ता औऱ विेश्वस्तरीय सुरक्षा मानांक के अनुसार पैकिंग की व्यवस्था और किसानों को खेत से किस प्रकार हल्दी निकालनी है, जिससे एक्सपोर्ट में कोई बाधा न आए, इसका प्रशिक्षण औऱ कौशल विकास भी सुनिश्चित करेगा। उन्होंने कहा कि हल्दी के स्वास्थ्यवर्धक गुणों पर भी शोध और अनुसंधान कर हम इसे विश्व के सामने लाने का काम करेंगे।

मूल्य और जैविक हल्दी

शाह ने किसानो को अपने सम्बोधन में बताया कि तेलंगाना में निज़ामाबाद, जग्तियाल, निर्मल और कामारेड्डी ज़िले भारत के शीर्ष हल्दी उत्पादक ज़िलों में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि 2025 में हल्दी के किसानों को हल्दी का 18,000 से 19,000 रूपए प्रति क्विंटल मूल्य मिला है और अगले 3 साल में किसानों को 6000-7000 रूपए ज़्यादा मूल्य मिल सके, इस प्रकार के प्रयास किए जाएंगे। शाह ने कहा कि वर्ष 2023-24 में भारत में 3 लाख हेक्टेयर भूमि पर हल्दी की खेती हुई और 10 लाख 74 हज़ार टन हल्दी का उत्पादन हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने एक्सपोर्ट करने वाले किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट लिमिटेड (NCEL) और ऑर्गेनिक खेती करने वालों के लिए नेशनल कोऑपरेटिव ऑर्गेनिक लिमिटेड (NCOL) की स्थापना की है। आज के समय में देश के किसानों को उनके उत्पादन के साथ साथ सही मूल्य देना मुख्य लक्ष्य है और अंतरष्ट्रीय बाजार में भारतीय उत्पादों कि सही पहुँच बनाना भी लक्ष्य है

किसान भाइयों आप अपने खेत में हल्दी लगाते है तो आपको इसका फायदा मिल सकता है या आपके कोई जानने वाले किसान भाई जो हल्दी कि खेती करते हैं उनको इस समाचार को शेयर कर सकते है जिससे उनको भी फायदा मिले और कृषि वाणी को फॉलो करने जिससे आप तक हम कृषि और किसानों के हित से जुडी सभी मुख्य समाचार उपलब्ध करते रहें

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