देश में कृषि एवं किसानों के अच्छे भविष्य के लिए भारत सरकार और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा कई ऐसे योजनाएं चलाए जा रहे है जिससे उनके कृषि कार्यों में अच्छा उत्पादन और उनके आमदनी में भी बढ़ोतरी हो ऐसे में हम कृषि वाणी , कृषि मीडिया होने के नाते सभी किसान भाइयों के साथ साथ कृषि के क्षेत्र से जुड़े सभी लोग जैसे कृषि वैज्ञानिक,कृषि के छात्र , खाद एवं कीटनाशक ,बीज, ट्रेक्टर,से जुडी सभी कंपनियों के प्रतिनिधियों तक सभी महत्वपूर्ण समाचार पहुंचा रहे है
भारत के केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ न्यूजीलैंड के कृषि, वानिकी, व्यापार और सहायक विदेश मंत्री टॉड मैकले के साथ उच्च स्तरीय बैठक की। यह द्विपक्षीय बैठक नई दिल्ली के कृषि भवन में आयोजित की गई।बैठक में आपसी हित के प्रमुख क्षेत्रों और सहयोग के अवसरों पर ध्यान केंद्रित किया गया। दोनों देशों की कृषि प्राथमिकताओं के बारे में जानकारी साझा करने और बागवानी पर प्रस्तावित सहयोग ज्ञापन (एमओसी) सहित साझेदारी के नए रास्ते तलाशने पर चर्चा केंद्रित थी। दोनो मंत्रियों ने कृषि साझेदारी को और प्रगाढ बनाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की, जिसमें हाल के वर्षों में महत्वपूर्ण प्रगति देखी गई है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने में न्यूजीलैंड के सक्रिय प्रयासों की प्रशंसा की और इस संबंध के लिए न्यूजीलैंड सरकार की चल रही प्रतिबद्धता के महत्व को स्वीकार किया। उन्होंने न्यूजीलैंड में भारतीय प्रवासियों के महत्वपूर्ण योगदान और देशों के बीच बढ़ते शैक्षिक आदान-प्रदान को ध्यान में रखते हुए दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक, व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंधों पर प्रकाश डाला।
बैठक में भारत में न्यूजीलैंड के उच्चायुक्त पैट्रिक राटा के अलावा दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
इसके अतिरिक्त, न्यूजीलैंड के कृषि मंत्री ने न्यूजीलैंड से भारत में पाइन लॉग निर्यात को हाल ही में फिर से शुरू करने के लिए धन्यवाद दिया, जिससे उन्हें पिछली धुंए संबंधी चुनौतियों से निपटने में सहायता मिली। केंद्रीय मंत्री चौहान ने इस क्षेत्र में सहयोग जारी रखने के लिए भारत के समर्थन को दोहराया और संतरे तथा केले जैसे ताजे और सूखे फलों सहित अन्य कृषि उत्पादों में व्यापार बढ़ाने की क्षमता पर बल दिया। उन्होंने विशेष रूप से न्यूजीलैंड को अंगूर निर्यात करने के लिए भारतीय निर्यातकों के लिए शीघ्र बाजार पहुंच पर विचार करने का उल्लेख किया। दोनों पक्ष द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को और बढ़ाने के लिए निजी क्षेत्र की अधिक साझेदारी को प्रोत्साहन देने पर सहमत हुए।
बैठक के दौरान व्यापार और बाज़ार पहुंच में सकारात्मक विकास के बारे में विशेष रूप से बातचीत की गई। भारतीय अनार के आयात और आम के निर्यात पर प्रतिबंध हटाने के लिए न्यूजीलैंड के समर्थन को गर्मजोशी के साथ स्वीकार किया गया। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लखनऊ और दिल्ली में नई लेखा परीक्षित वाष्प ताप उपचार (वीएचटी) सुविधाओं की शीघ्र स्वीकृति की भी आशा व्यक्त की, जिससे न्यूजीलैंड में भारतीय आमों के निर्यात में और वृद्धि होगी।
बैठक में इस क्षेत्र में सहयोग की व्यापक संभावनाओं को पहचानते हुए, विशेष रूप से बागवानी और मछली पालन में अनुसंधान और विकास में तकनीकी सहयोग के महत्व पर भी चर्चा हुई। दोनो मंत्रियों ने दोनों देशों के किसानों, उत्पादकों और उपभोक्ताओं को लाभान्वित करते हुए आर्थिक और व्यापार संबंधों को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।