2021 के खरीफ के मौसम के दौरान, उर्वरक की पर्याप्त उपलब्धता बनी रहेगी

उर्वरकों की उपलब्धता की समीक्षा करने के लिए, केंद्रीय मंत्री (रसायन एवं उर्वरक)  डी वी सदानंद गौड़ा और राज्य मंत्री (रसायन एवं उर्वरक)  मनसुख एल मंडाविया ने  प्रमुख निर्माताओं/आयातकों के एक बैठक

वर्ष 2021 के खरीफ के मौसम के दौरान उर्वरकों की उपलब्धता की समीक्षा करने के लिए, केंद्रीय मंत्री (रसायन एवं उर्वरक)  डी वी सदानंद गौड़ा और राज्य मंत्री (रसायन एवं उर्वरक)  मनसुख एल मंडाविया ने  प्रमुख निर्माताओं/आयातकों के साथ एक बैठक की। बैठक में उर्वरक विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया। विभिन्न कंपनियों द्वारा उल्लेखित विभिन्न उर्वरकों/कच्चे माल के लक्षित स्वदेशी उत्पादन और प्रत्याशित आयात को लेकर विस्तार से चर्चा की गई।

देश में यूरिया की उपलब्धता के संबंध में, उद्योग ने विभिन्न यूरिया इकाइयों के पुनरुद्धार को लेकर सरकार के प्रयासों की सराहना की जिनसे आने वाले समय में आयात पर निर्भरता कम होगी। सचिव (उर्वरक) ने चालू खरीफ 2021 मौसम के दौरान सभी राज्यों में यूरिया की पर्याप्त उपलब्धता का संकेत दिया।

यह सुनिश्चित करने के लिए कि 2021 के खरीफके मौसम के दौरान किसानों को फॉस्फेटिक एवं पौटैसिक खाद समय पर और पर्याप्त रूप से उपलब्ध कराई जाए, हर कंपनी की तैयारियों का जायजा लिया गया। कंपनियों ने कच्चे माल और तैयार उर्वरकों के मूल्य वृद्धि के वैश्विक रुझानों जैसे विभिन्न मुद्दों पर प्रकाश डाला और देश के लिए सबसे अच्छा सौदा हासिल करने से जुड़ी अपनी रणनीति की जानकारी दी।फर्टिलाइजर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएआई) के महानिदेशक श्री सतीश चंद्रा ने माननीय मंत्रियों को बताया कि 2021 के खरीफ के मौसम के पहले तीन महीनों की मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त स्तर पर विभिन्न उर्वरकों और कच्चे माल के भंडारमौजूद हैं।

इफको की दिनांक 07.04.2021 की अधिसूचना केजरिए फॉस्फेटिक उर्वरकों की कीमतों में की गयी वृद्धि के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की गयी। वैश्विक स्तर पर कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि से जुड़ी कंपनियों की चिंताओं को समझा गया। कंपनियों ने बताया किअमेरिका, ब्राजील और चीन जैसे उर्वरक की खपत के प्रमुख बाजारों से मांग की प्रतिस्पर्धा के कारण पिछले तीन से चार महीनों में, कच्चे माल और तैयार उत्पादों की अंतर्राष्ट्रीय कीमतों में तेज वृद्धि हुई है।कंपनियों ने जानकारी दी कि अमेरिका द्वारा मोरक्को और रूस से आयात पर काउंटरवेलिंग ड्यूटी लगाए जाने के साथ औरपश्चिम एशिया द्वारा आपूर्ति को अमेरिका की तरफ मोड़ने के साथ आपूर्ति श्रृंखला में एक बदलाव आया है।चीन का सक्रिय घरेलू मौसम और निर्यात कम होने से भारतीय उपमहाद्वीप में आपूर्ति प्रभावित हुई है और वैश्विक कंपनियां यूरोप और अमेरिका के बाजारों में मिलने वाले ऊंचे डीएपी (स्थान पर आपूर्ति) मूल्य की तरह डीएपी मूल्यों की मांग कर रही हैं। कंपनियों ने उचित दरों पर आपूर्ति और कीमतों के संबंध में प्रक्रिया सुचारू रखने के लिए आपूर्तिकर्ताओं को समझाने की खातिर सरकार से कूटनीतिक माध्यमों के जरिए हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया।

सचिव (उर्वरक) ने विभिन्न राज्यों के लिए विभिन्न उर्वरकों की जरूरत का परिदृश्य पेश किया और कंपनियों को विभिन्न उर्वरकों की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने की सलाह दी गई। कंपनियों ने सीधे-सीधे आश्वस्त किया कि आने वाले दिनों मेंकिसानों को समय पर, पर्याप्त रूप से और सस्ती कीमतों पर उर्वरकउपलब्ध कराए जाएंगे। सभी प्रमुख कंपनियों ने साफ किया कि खुदरा केंद्रों, थोक केंद्रों, भंडार केंद्रों,गोदाम आदिस्तरों पर उपलब्ध मौजूदा भंडारपुरानी दरों पर उपलब्ध कराए जाएंगे। रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्रीने सभी कंपनियों को सलाह दी कि फॉस्फेटिक एवं पौटेसिक उर्वरकों के किसी भी मूल्य को बदलने से पहले, उर्वरक विभाग से परामर्श किया जाए।

इसके अलावा, कंपनियों और एफएआई ने आश्वासन दिया कि वे अंतर्राष्ट्रीय आपूर्तिकर्ताओं के साथ कीमतों के लेकर एक टीम के तौर पर अच्छे से तोल-मोल करेंगे औरफॉस्फेटिक एवं पौटेसिक उर्वरकों के संबंध में कच्चे माल और तैयार उत्पादों के लिहाज से सबसे अच्छा सौदा पाने के लिए एक संयुक्त रणनीति अपनाई जाएगी।

मंत्री और राज्य मंत्री ने विभिन्न उर्वरकों की समय पर उपलब्धता और आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए उद्योग द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उद्योग के अगुआओं को आश्वासन दिया गया कि वर्तमान परिदृश्य में उनके प्रयासों में मदद करने के लिए सरकार सभी जरूरी कदम उठाएगी। अंतर्राष्ट्रीय स्रोतों से कच्चे माल, तैयार उर्वरक की समय पर आपूर्ति हो, इसके लिए कूटनीतिक माध्यमों के जरिएजरूरी हस्तक्षेप किया जाएगा। मंत्रियों ने यह भी आश्वासन दिया कि सभी राज्यों/केंद्रशासित क्षेत्रों को सर्वोच्च स्तरों के माध्यम से संवेदनशील बनाया जाएगा ताकि कोई कालाबाजारी, जमाखोरी, उर्वरकों की टैगिंग न हो।

बैठक इस बात पर खत्म हुई कि 2021 के खरीफ के मौसम के दौरान, उर्वरक की पर्याप्त उपलब्धता बनी रहेगी और इस संबंध में सभी जरूरी प्रयास किए जाएंगे।

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