जी हाँ किसान भाइयों अब आप सभी को बुआई के बाद कुछ बीज के अंकुरण न होने से जो हताशा होती थी कभी बीज मौसम के विपरीत या कोई रोग लग जाने कि वजह से अच्छे से अंकुरण नहीं हो पता था पर अब वैज्ञानिकों ने इस समस्या का भी हल निकल लिया है और अब हर से बीज में अच्छे से अंकुरण भी होगा और लागत भी कम लगेगी साथ ही उत्पादन भी अच्छा होगा और ऐसा संभव हुआ है के वैज्ञानिको ने इस समस्या का हल निकला है वैज्ञानिको ने लगातार एक साल शोध करने के बाद पौधों में पाए जाने वाले बी बी एक्स -11 जीन कि खोज कि है जो बीज के अंकुरण में सबसे मुख्य भूमिका निभाता है और पौधों को भी वातावरण के अनुरूप तैयार करने में भी सहयोग करता है
वैज्ञानिकों ने यह शोध सरसों के तीन से चार प्रजातियों के ऊपर किया था क्योंकि आपको बता दे कि इसके पौधे में सर्वाधिक पचीस हजार तरह के जिन पाए जाते हैं वैज्ञानिकों कि टीम ने इनमें से एक जीन बी बी एक्स -11 कि पहचान कि है इस जीन से बनने वाले प्रोटीन कि मात्रा घटने या बढ़ने का असर उपज पर पड़ता है यह जीन सोयाबीन,धान,गेंहू के पौधों में भी पाया जाता है सरसो के बीज अनुसंधान के बाद अब सोयाबीन के ऊपर भी वैज्ञानिक अपना अनुसन्धान कर रहे हैं
अइसार के बायोलॉजिकल विभाग के प्रमुख डॉ सौरव दत्ता के मुताबिक करीब 20सेंटीमीटर कि ऊंचाई वाले सरसो के एक पौधे में हजारों छोटे छोटे बीज होते हैं यह विश्व का पहला ऐसा पौधा है जिसका सबसे पहले जीनोम सीक्वेंस तैयार किया गया
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