रबी कटाई के बाद कृषकों के लिए जरूरी सलाह

मेरे प्यारे किसान भाइयों जैसे की आप जानते है कि  देश में इस समय कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप चल रहा है ऐसे में निरन्तर लॉक डाउन की प्रक्रिया बढ़ रही है ऐसे में कृषि कार्य प्रभावित भी हो रहा है ऊपर से मौसम कि मार से भी कई राज्यों के किसान भाई परेशान है तो किसान भाई जो अन्नदाता है उनको विशेष ध्यान रखने की जरूरत है जिससे उनके साथ उनके परिवार की भी सुरक्षा हो सके क्योंकि सरकार भी सिर्फ कुछ समय तक ही हमारी सुरक्षा कर पायेगी बाकी हमारी जिम्मेदारी है कि हम सभी मिल कर इस महामारी से लड़ सकें इसके लिए हमें नियमित सावधानी भी बरतनी होगी किसान भाइयों को हम कुछ जरूरी सूचना उपलब्ध कर रहे हैं कृषि वैज्ञानिक के द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देश

  किसान भाइयों बहार निकलते समय मुँह से ठुड्डी एवं नाक तक मास्क या सूती रुमाल, गमछा या अन्य कपड़े की तीन परत का मास्क घर पर ही बनाएं और उसे प्रयोग करेंI कृषि कार्यों को करते समय दो मीटर की सामाजिक दूरी बनाकर रखेंI बहार से आकर मास्क को एवं हाथों को साबुन से अच्छी तरह से धुलेI इसके अतिरिक्त कृषक भाई तम्बाकू, बीड़ी, सिगरेट, आदि फेफड़ों को नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थों का सेवन न करेंI
जैसा की आप जानते है कि इस समय गेंहूं, सरसों, मसूर आदि की फसलों की कटाई हो चुकी हैI पिछले सप्ताह में थोड़ी बारिश भी हो चुकी है ऐसे में अपने खेतों की मिट्टी पलट हल से 15 सेमी. की गहराई से जुताई अवश्य कर देनी चाहिए क्योंकि गर्मी की जुताई के निम्नलिखित लाभ है:

1. सूर्य की तेज़ किरणों से भूमिगत कीड़ों के अंडे, प्यूमा, लार्वा, वयस्क, आदि नष्ट हो जाते है I
2. फसलों में लगने वाले भूमिजनित रोग जैसे उकठा जड़ गलन के रोगाणुं व् सब्जी में लगने वाले नेमाटोड्स भी नष्ट हो जाते है I
3. गहरी जुताई से वार्षिक एवं बहुवर्षीय खरपतवार जैसे दूब कांस मूंजा एवं मोथा आदि खरपतवारों से भी मुक्ति मिलती है I

4. मिट्टी पलट हल से जुताई करने से खेत में ढ़ेले बन जाते है जो वर्षा जल को अधिक मात्रा में सोखते है जिससे मृदा के जलधारण करने की क्षमता बढ़ जाती है I
5. कल्टीवेटर, रोटावेटर के द्वारा बार-बार जुताई करने से बनी हुए कड़ी परत को गहरी जुताई द्वारा तोड़ दिया जाता है जिससे पौधों की जड़ों को अधिक गहराई तक जाने में सहयोग मिलता है I
6. खेत में उपलब्ध अन्य कार्बनिक पदार्थ भूमि में भली-भांति मिलकर सड़ जाते है और अगली फसल को पोषक तत्व आसानी से उपलब्ध हो जाता है I
    #डॉ_सियाराम 
विषय वस्तु विशेषज्ञ / सह-प्राध्यापक 
     सस्य विज्ञान
कृषि विज्ञान केन्द्र, बलरामपुर

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