दोस्तों आज हम आपको खास बात बताने जा रहे हैं एक ऐसा खाद्य पदार्थ जिसके बिना स्वादिस्ट से स्वादिस्ट भोजन में भी कोई स्वाद नहीं रहता है चाहे आप उसमें कितने भी मसाले क्यों न डाल लें जी हाँ आप शायद समझ गए होंगे वह चीज है नमक हाँ और इसके बिना किसी भी खाने को आप नहीं खा सकते आज हम कृषि वाणी आपको बताने जा रहे हैं की नमक के उत्पादन में भारत का स्थान तीसरा है जो कई देशों में निर्यात किया जाता है और इतिहास की बात करने तो इसका मुख्य श्रेय हमारे राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी को जाता है जिन्होंने दांडी यात्रा कर अंग्रेजो से लोहा लिया था और देश में खुद के नमक को बनाए जाने की शुरुआत की थी भारत में स्वतंत्रता से पहले भारत के देशवासियों को महंगे नमक जो की दूसरे देशों से लाये जाते थे उसे खरीदने के लिए जोर जबरदस्ती कीजाती थी और सबसे मुख्य तो स्थानीय स्तर पर नमक के उत्पादन पर पाबंदी लगा दी गई थी। महात्मा गांधी द्वारा किए गए दांडी मार्च का महत्व भारत के स्वाधीनता संघर्ष के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय है। आज भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा नमक उत्पादक देश है और यह विश्व भर में नमक का निर्यात करता है। भारत की नमक उत्पादन की क्षमता अब 30 मिलियन टन हो गई है जो स्वाधीनता से पहले 2 मिलियन टन से भी कम थी। भारत अपनी घरेलू खपत और औद्योगिक मांग को पूरा करने के बाद तकरीबन 5 मिलियन टन नमक दुनिया के अन्य सभी देशों को निर्यात कर रहा है।
आयोडीन और आयरन जैसे पोषक तत्वों का विकल्प उपलब्ध कराने में नमक की विशिष्ट भूमिका रही है और इसकी प्रभावशीलता सिद्ध हुई है। जब हमने समूची जनसंख्या तक आयोडीन युक्त नमक सुलभ कराया तब आयोडीन की कमी की समस्या को प्रभावी ढंग से खत्म करने में बड़ी सफलता मिली।
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