कोरोना संकट में गांव एक्सप्रेस कि टीम लगातार किसानों के लिए कृषि से जुड़ी जानकारी उपलब्ध करने का प्रयास कर रहा है ऐसे में रबी के फसल कि कटाई का काम शुरू हो चुका है और कई जगह दलहन की फसल कट चुकी है ऐसे में किसान भाई भंडारण को लेकर सचेत रहने की जरूरत है जिससे उनके भंडारण किये गए अनाज में किट ना लगे ऐसे में कुछ उपाय दिए जा रहे है जो किसान भाइयों के लिए बहुत ही उपयोगी है किसान भाइयो इस समय फसल की कटाई एव मड़ाई का कार्य चल रहा है । चना, मसूर, मटर की कटाई एव मड़ाई का 90 % कार्य पूरा हो चुका है जबकि गेहूँ की कटाई एव मड़ाई चल रही है । कोरोना वायरस के कारण यातायात बन्द है एवं भीड़ भाड़ से दूर रहना है ,ऐसी स्थिति में उपज को सुरक्षित रखना एव सुरक्षित भण्डारण करना बहुत ही आवस्यक है ।भण्डारित अनाज/ बीज में बहुत से कीट लगते है जिससे बहुत ज्यादा नुकसान होता है ।
भण्डारण में कीट लगने के प्रमुख कारण है ।
1. बीज/ अनाज में नमी का ज्यादा होना ।
2. भण्डारित पात्र जैसे बोरा/बोरी, बखारी, कुठला/कुठली में पहले से ही कीट का रहना।
3. नए एव पुराने अनाज को एक साथ या पास-पास रखना ।
4. भण्डारगृह के पास नमी का होना ।
5.भण्डार पात्र को सही से बन्द न करना ।
भण्डारित बीज/अनाज को नुकसान से बचाने हेतु
आवश्यक सावधानी बरतें।
1. अनाज/बीज को दो दिन तक धूप में सुखाये , सायं को छाया में रखकर ठंडा करके सुबह भण्डारित करे ।
2.भण्डारित पात्र को कीट रहित करे ।बोरा/बोरी को गर्म पानी मे 20 मिनट तक उबालकर धूप में अच्छी तरह सुखाए । बखारी, कुठला को मैलाथियान 5% का घोल बनाकर पुताई करके धूप में 3 से 4 दिन तक रखे ।
3. नए एव पुराने अनाज को दूर दूर रखें ।
4. भण्डारगृह के पास नमी न पहुचे ऐसी ब्यवस्था करे।
5.बोरा, बखारी, कुठला को जमीन की सतह से ऊंचा रखे।पात्र को दीवाल से दूर रखें ।
6. बखारी भरते समय सतह पर 2 से 3 इंच भूसा की परत बिछाये तथा अन्त में भी भूसा बिछाकर ढक्कन बन्द कर गीली मिट्टी से एयर टाइट करे।
7.यदि कीड़े लगने की संभावना हो तब सल्फास पाउच रखे l