देश में अब पशु चिकित्सा के लिए आयुर्वेद को भी जोड़ा जायेगा इसके लिए पशुपालन विभाग और डेरी विभाग के साथ आयुष मंत्रालय का समझौता हुआ है इस समझौते के तहत पशुओं के इलाज में अब आयुर्वेद का भी सहारा लिया जाएगा साथी वैज्ञानिक भी पशु चिकित्सा में आयुर्वेद के माध्यम से समाधान होने वाली सभी अनुसन्धान को बढ़ावा दिया जाएगा इस सहयोग से पशु स्वास्थ लाभ, पशुपालक समुदाय तथा समाज के लाभ के लिए पशु चिकित्सा क्षेत्र में आयुर्वेद के उपयोग के इस्तेमाल के लिए नियामक व्यवस्था विकसित करने में मदद मिलेगी। इस सहयोग से प्रशिक्षण के माध्यम से संबंधित क्षेत्रों में क्षमता सृजन होगा, सतत आधार पर हर्बल दवाइयों के लिए बाजार तलाशने में मदद मिलेगी और कृषि, तथा औषधीय पौधों के संरक्षण के लिए सेवाएं मिलेंगी। इस सहयोग से हर्बल पशु चिकिस्ता शिक्षा कार्यक्रम विकसित में मदद मिलेग और डेयरी किसानों तथा अनाज उत्पादक किसानों में हर्बल औषधि के उपयोग तथा जड़ी-बूटी कृषि के बारे में जागरुकता आएगी।
पशुपालन विभाग के इस कदम से पशुओं में होने वाली कई बिमारियों का समाधान अब आयुर्वेद के माध्यम से किया जाएगा साथ ही पशुओं में होने वाली कई समस्या का समाधान के लिए अब अंग्रेजी दवाइयों पर निर्भर नही रहना होगा इस समाचार को अपने पशुपालक किसानों को जरूर शेयर करें