जानवरों में लू लगने के लक्षण कैसे पहचाने
- पशुओं को अगर ज्यादा बुखार हो
- जानवर अगर जोर जोर से सांस लेने के साथ हांफना या मुँह से लार का गिरना
- जानवर अपने पहले के जैसे सामान्य न हो कर बैचैन कि स्थिति में दिखना
- जानवरों में ऐसी स्थिति में भूख का कम हो जाना और पानी का सेवन अधिक करना पेशाब का कम होना या
- बंद हो जाना जैसे लक्षण भी दिखने से पहचान कि जा सकती है
- धड़कन का तेज हो जाना
- अफरा (गैस)जैसी भी समस्या इसके लक्षण है
इस स्थिति में किसान भाई अपने पशुओं का बचाव कैसे करें इसकी पूरी जानकारी निचे दि जा रही है
- पशुओं को धुप एवं लू से बचाव् करने के लिए पशुओं को हवादार पशुगृह अथवा छायादार पेड़ के निचे रखें जहाँ धुप कि किरण सीधी न पड़े
- जानवरों के रखने के स्थान पर उसके दीवारों के साथ पर भी जुट के टाट लटका कर उसपर पानी का समय समय पर छिड़काव करते रहें
- बिजली कि उपलब्धता हो तो पंखे या कूलर का भी प्रयोग कर सकते हैं
- किसी भी तरह कि समस्या होने पर पशुओं में भोजन के प्रति रूचि कम हो जाती है जिससे उनको भोजन में
- प्रचुर मात्रा में खनिज लवण के साथ हरे चारे और अन्य जरूरी सामग्री के साथ साफ़ जल देना होगा जिससे उनके स्वास्थ्य में सुधर हो सके
- पशुओं को ख़ास कर भैंस को दिन में दो तीन बार नहलाना चाहिए
- खाने में संतुलन हेतु हरा चारा या अजोला घास के साथ चोकर एवं जौ कि मात्रा बढ़ा देनी चाहिए
अगर चरने के लिए बहार भेजते हैं तो सुबह जल्दी व् शाम में धुप में गर्मी कम होने के बाद ही भेजें
अब जाने पशुओं में लू लगने के उपचार
- सबसे पहले पशुओं के शरीर का तापमान नियंत्रित करने के लिए पशुओं को ठन्डे स्थान पर रखना चाहिए
- पशुओं को पानी से बहरे गड्ढे में रखना चाहिए या शरीर पर ठन्डे पानी का हल्का हल्का छिड़काव करना चाहिए
- ठन्डे पानी में चीनी , भुने हुए जौ के आटा थोड़ा नमक का घोल बराबर पिलाते रहना चाहिए
- पुदीना व् प्याज का अर्क बनाकर देना चाहिए
- शरीर का तापमान कम करने के लिए जरूरी औषधि दे
- पानी व् लवण कि कमी को पूरी करने के लिए इलेक्ट्रोलाइट थेरेपी करें
- ज्यादा समस्या होने पर नजदीक के पशु चिकित्सा केंद्र पर संपर्क करें