देश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहें हैं। इसी कड़ी में खेती बाड़ी में हानिकारक कीटनाशकों के इस्तेमाल को कम करने के लिए केंद्र सरकार 27 कीटनाशकों पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी में है, जिस पर फैसला हो सकता है। इन 27 कीटनाशकों पर प्रतिबंध उन 66 विवादास्पद कीटनाशकों को उनकी विषाक्तता के लिए चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के एक कदम का हिस्सा है। हालांकि कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इससे देश में पौधों की सुरक्षा करने वाले केमिकल की उपलब्धता में कमी आएगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि, जिन एग्रों केमिकल पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी की जा रही है, वे काफी सस्ते हैं और घरेलू खपत में लगभग 50 प्रतिशत हिस्सेदारी भी रखते हैं। ये कम लागत वाले जेनरिक पेस्टिसाइड (कीटनाशक) माने जाते हैं और कई दशक से खेती करने के उपयोग में आते हैं। कम लागत वाली फसलों जैसे आलू में इनका उपयोग 70 प्रतिशत तक होता है। ये ब्रांडेड या पेंटेटड कीटनाशकों की तुलना में काफी सस्ते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक सरकार के इस कदम से देश की खाद्य सुरक्षा पर काफी असर पड़, सकता है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सरकार ने जिन 27 कीटनाशकों को प्रतिबंधित करने का फैसला लिया है, उनमें एसेफेट, एट्राजीन, बेनफुराकार्ब, ब्यूटाक्लोर, कैप्टन, कार्बेडाजिन, कार्बोंफुरन, क्लोरपाइरीफॉस, डेल्टामेथ्रिन, डाइकोफोल, डाइमेथोएट, डाइनोकैप, डाययूरॉन, मैलाथियान, मैंकोजेब, मेथिमाइल, मोनोक्रोटोफोस, ऑक्सीफ्लोरफेन, पेंडिमेथालिन, क्विनालफोस, सल्फोसल्फ्यूरॉन, थियोडिकार्ब, थियोफेंट मिथाइल, थिरम आदि शामिल हैं।
News by – Shambhavi Ojha
Journalist
krishi vani (Delhi)