कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) व कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग (DARE) के कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। तोमर ने कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से मृदा स्वास्थ्य परीक्षण के प्रचार-प्रसार पर विशेष जोर दिया ताकि किसान स्वप्रेरित होकर मृदा स्वास्थ्य परीक्षण कराएं और उस अनुरूप उवर्रक तथा सूक्ष्म पोषक तत्वों इत्यादि का उपयोग करें ।  तोमर ने कहा कि कृषक जो स्वयं खेती के कुछ नए तरीके / औजार आदि अनुसन्धान करते हैं, तो उनके व्यवसायीकरण हेतु प्रयास किया जाएं, ताकि सभी किसानों को अधिकतम लाभ मिल सकें। ICAR व DARE को अपने इनोवेशन ज्यादा से ज्यादा प्रचारित करना चाहिए।

तोमर ने कहा कि आईसीएआर-केवीके नेटवर्क के माध्यम से किसानों के बीच प्रौद्योगिकियों की पहुंच बढ़ाने के लिए प्रणाली को और मजबूत किया जाए। उन्होंने विविध वस्तुओं पर ध्यान केंद्रित करने, जल विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर गहन शोध करने, आलू में प्रसंस्करण योग्य व निर्यातोन्मुख किस्मों के विकास, कृषि-स्टार्टअप पर सम्मेलन करने और उन्हें बढ़ावा देने व केवीके-एसएचजी मॉडल को बढ़ावा देने को भी कहा।
देशी गायों की दूध देने की क्षमता बढ़ाने के लिए 8 किस्मों में शोध किया जा रहा है। वहीं, किसानों की आय दोगुनी करने के लिए विविध कृषि पद्धतियों पर लगभग 17 लाख किसानों को प्रशिक्षित करने की योजना है। COVID-19 के कारण किसानों में तनाव की रोकथाम के लिए लगातार काम किया गया है। 15 क्षेत्रीय भाषाओं में 5.48 करोड़ से अधिक किसानों को सलाह दी गई। महामारी से लड़ने के लिए आरोग्य सेतु मोबाइल एप्लिकेशन के उपयोग हेतु अभी तक लगभग 43 लाख किसानों को जागरूक किया गया है।
 

ICAR और DARE की समीक्षा के दौरान केंद्रीय मंत्री  नरेंद्र सिंह तोमर के साथ राज्य मंत्री  परषोत्तम रूपाला व  कैलाश चौधरी भी मौजूद थे। बैठक में डेयर और आईसीएआर के अधिकारी मौजूद थे। सचिव, डेयर एवं महानिदेशक, आईसीएआर, डा. त्रिलोचन महापात्र    ने प्रगति बताई।

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