कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग ने 5 नॉलेज पार्टनर्स (केपी) को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में चुना है। य़े हैं –

  1. राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान (एमएएनएजीई), हैदराबाद,
  2. राष्ट्रीय कृषि विपणन संस्थान (एनआईएएम) जयपुर,
  3. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) पूसा, नई दिल्ली,
  4. कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, धारवाड़, कर्नाटक और
  5. असम कृषि विश्वविद्यालय, जोरहाट, असम

 

देश भर में 24 आरकेवीवाई-रफ्तार एग्रीबिजनेस इंक्यूबेटर्स (आर-एबीआई) भी नियुक्त किए गए हैं।

 

इस योजना के निम्नलिखित घटक हैं:

 

  • एग्रीप्रेन्योरशिप ओरिएंटेशन- 2 माह की अवधि के लिए 10,000 रुपये प्रति माह वजीफे के साथ। वित्तीय, तकनीकी, आईपी मुद्दों आदि पर मेंटरशिप प्रदान की जाती है।

 

  • आर-एबीआई इनक्यूबेट्स की सीड स्टेज फंडिंग – 25 लाख रुपये तक की फंडिंग (85% अनुदान और 15% अंशदान इंक्यूबेट से)।

 

  • एग्रीप्रेन्योर्स की आइडिया/ प्री-सीड स्टेज फंडिंग – 5 लाख रुपए तक की फंडिंग (90% अनुदार और 10% योगदान इन्क्यूबेट से)।

 

संस्थान के द्वारा अपने कार्यक्रमों के लिए आवेदन करने और विभिन्न चरणों के माध्यम से चयन की कठोर प्रक्रिया अपनाकर और दो महीने के प्रशिक्षण के आधार पर, अनुदान-सहायता के माध्यम से वित्तपोषित किए जाने वाले स्टार्ट-अप्स की अंतिम सूची को अंतिम रूप प्रदान किया जाता है। तकनीकी, वित्त, बौद्धिक संपदा, सांविधिक अनुपालन मुद्दों आदि पर प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। माइलस्टोन और समयसीमा की निगरानी के माध्यम से स्टार्ट-अप्स को मेंटरशिप प्रदान करना कार्यक्रम का हिस्सा है।

 

कुछ स्टार्ट-अप्स जिन्हें इन्क्यूबेट किया जा रहा है, निम्नलिखित समाधान प्रस्तुत करते हैं

 

  • एक्टिक्‍स एनीमल हैल्‍थ टेक्‍नोलॉजीज जिसे वेट्ज़ के नाम से जाना जाता है, वेटरनरी डॉक्‍टरों का एक नेटवर्क है, जो ग्राहकों यानि पशु मालिकों को रियल टाइम टेली कंसल्टेशन और डोरस्टेप विजिट के माध्यम से तत्काल संपर्क प्रदान करता है।

 

  • एसएनएल इनोवेशन्स – इनोफार्म्स खेत से ग्राहक तक, 1 वर्ष तक के भंडार और उपयोग करने की पूर्ण क्षमता के साथ, फलों और सब्जियों को लुगदी में परिवर्तित करने के लिए इन-हाउस विकसित मोनोब्लॉक फल प्रसंस्करण मंच (ऑन-व्हील्स) का उपयोग करके, सीधे खेतों में संसाधित फलों और सब्जियों की लुगदी प्रदान करता है।

 

  • ईएफ पॉलिमर द्वारा किसानों के लिए पानी की कमी के संकट का समाधान करने के उद्देश्य से एक पर्यावरण अनुकूल जल प्रतिधारण बहुलक विकसित किया गया है। इस स्टार्ट-अप ने मिट्टी में पानी को अवशोषित करने, इसे लंबे समय तक बनाए रखने और आवश्यकतानुसार फसलों को आपूर्ति करने के लिए डिज़ाइन किया गया एक सुपर शोषक बहुलक बनाया है।

 

  • जिन स्टार्ट-अप्स का चयन किया गया है उनमें से कई स्टार्ट-अप्स ऐसे हैं जिनका नेतृत्व महिलाएं कर रही हैं जैसे कि ए2पी एनर्जी सॉल्यूशन, जो कचरे के बायो-मास को ट्रैक करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करती हैं और फिर इसे इकट्ठा करने के लिए किसानों के साथ मिलकर काम करती हैं। एक ओर यह किसानों के लिए अतिरिक्त आय उत्पन्न करता है और दूसरी ओर ए2पी एकत्रित किए गए बायोमास को ऊर्जा छर्रों, हरे कोयले और जैव तेल जैसे भविष्य के सामान्य जैव ईंधनों में परिवर्तित करता है।

 

  • क्यारी इनोवेशन, मानव और वन्यजीव संघर्ष को भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कम करने के लिए काम कर रहा है। उन्होंने एनिमल इंट्रूज़न डिटेक्शन एंड रेपेलिट सिस्टम (एएनआईडीईआरएस) नामक एक नवीन उत्पाद बनाया है। यह उपकरण एक मशीनीकृत बिजूका (खेतों में चिडिंया भगाने के लिए लगाया गया पुतला) की तरह काम करता है जो जानवरों की घुसपैठ से खेतों की रक्षा कर सकता है।

 

  • एगेसमैर्टिक टेक्नोलॉजीज, के पास सटीक सिंचाई और रोग प्रबंधन द्वारा फसल उपज में सुधार लाने की एक दृष्टि है जिसमें वह एआई, आईओटी और कंप्यूटर का उपयोग करके एक डेटा संचालित दृष्टिकोण अपनाता है। उनके उत्पाद क्रॉपलिटिक्स® हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर समाधान का एक संयोजन है जो सिंचाई के लिए एक सटीक मॉडल बनाने के लिए डेटा को कार्रवाई योग्य जानकारी में परिवर्तित करने के लिए ग्राउंड सेंसर डेटा और सैटेलाइट इमेजरी को एकीकृत करता है।

 

उपर्युक्त 6 स्टार्ट-अप्स के अलावा, खेती पारिस्थितिकी प्रणाली में सुधार लाने और घरेलू कृषि आय को बढ़ाने के लिए अभिनव समाधानों के साथ कई और भी हैं।

 

कुल मिलाकर, कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में कुल 346 स्टार्ट-अप्स को इस चरण में 3671.75 लाख रुपये की राशि के साथ वित्त पोषित किया जा रहा है। यह फंड किस्तों में जारी किए जाएंगे। इन स्टार्ट-अप्स को भारत भर में फैले 29 कृषि व्यवसाय इनक्यूबेशन केंद्रों (केपीएस और आरएबीआइ) में दो महीने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। इन स्टार्ट-अप्स के द्वारा युवाओं को रोजगार मिलेगा। इसके अलावा, वे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से किसानों के लिए अवसर प्रदान करके आय बढ़ाने में योगदान देंगे।

 

एग्रीप्रेन्योरशिप, आरकेवीवाई के संदर्भ में अधिक जानकारी वेबसाइट: https://rkvy.nic.in  के माध्यम से प्राप्त की  जा सकती है।